प्रतिभा दिवस : रचनात्मकता, आत्मविश्वास, संवाद कौशल, तार्किक सोच और सहयोग की भावना
🏫 पी.एम. श्री राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय, धनियाखान (डीडीहाट)
प्रतिभा दिवस समारोह की विस्तृत रिपोर्ट (सदनवार आयोजन सहित)
दिनांक: शनिवार, 12 अक्टूबर 2025
स्थान: विद्यालय परिसर, धनियाखान (डीडीहाट)
आयोजक: प्रधानाध्यापक एवं समस्त शिक्षण स्टाफ
1. कार्यक्रम की भूमिका एवं उद्देश्य
विद्यालय में शनिवार, 12 अक्टूबर 2025 को प्रतिभा दिवस का आयोजन किया गया। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की छिपी प्रतिभाओं को उजागर करना, उन्हें आत्मविश्वास को बढ़ावा देना, तथा शैक्षणिक ज्ञान को अनुभवात्मक रूप में जोड़ना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रार्थना सभा से हुआ, जिसमें विद्यालय गीत के पश्चात प्रधानाध्यापक महोदय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि —
“प्रतिभा दिवस का आयोजन केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि प्रत्येक बच्चे को अपनी क्षमता पहचानने का अवसर प्रदान करता है।”
2. सदन प्रणाली के अंतर्गत आयोजन
विद्यालय में विद्यार्थियों को चार सदनों — नंदा सदन, ओम सदन, कामेट सदन और त्रिशूल सदन — में विभाजित किया गया है। सभी गतिविधियाँ इन्हीं सदनों के मध्य सदनवार प्रतियोगिता के रूप में कराई गईं। प्रत्येक सदन के बच्चों ने उत्कृष्ट उत्साह और अनुशासन के साथ भाग लिया।
3. खेलकूद गतिविधियाँ (Sports Events)
(क) म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता (सदनवार)
चारों सदनों के विद्यार्थियों ने म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया। संगीत रुकते ही सभी बच्चे कुर्सियों पर बैठने के लिए दौड़ते हुए अपने त्वरित निर्णय और एकाग्रता का प्रदर्शन कर रहे थे।
🏆 परिणाम : ओम सदन प्रथम, त्रिशूल सदन द्वितीय स्थान पर रहा।
शैक्षणिक लाभ:
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बच्चों में चपलता, तत्परता और संतुलन का विकास हुआ।
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टीम भावना, खेल भावना और अनुशासन की समझ बढ़ी।
(ख) इन–आउट गेम (सदनवार)
खेल शिक्षक के निर्देशन में ‘इन–आउट’ खेल कराया गया। चारों सदनों के विद्यार्थियों ने तेज़ प्रतिक्रिया देने में अद्भुत उत्साह दिखाया।
🏆 परिणाम: नंदा सदन प्रथम स्थान पर रहा।
शैक्षणिक लाभ:
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बच्चों की सुनने की क्षमता, एकाग्रता और त्वरित निर्णय लेने की शक्ति में सुधार हुआ।
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शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हुए ध्यान केंद्रित करना सीखा।
4. शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ (Academic & Cultural Events)
(क) कहानी वाचन / कविता वाचन प्रतियोगिता (सदनवार)
विद्यार्थियों ने अपने-अपने सदन का प्रतिनिधित्व करते हुए नैतिक एवं प्रेरणादायक कहानियाँ सुनाईं।
🏆 परिणाम: नंदा सदन, त्रिशूल सदन प्रथम स्थान पर रहा।
शैक्षणिक लाभ:
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भाषा कौशल, उच्चारण और आत्मविश्वास में वृद्धि।
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नैतिक मूल्यों जैसे सत्य, ईमानदारी और सहयोग का विकास।
(ख) दोहा वाचन कार्यक्रम (सदनवार)
कक्षा 4–5 के विद्यार्थियों ने कबीरदास, रहीम और तुलसीदास के दोहे लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत किए।
🏆 परिणाम: त्रिशूल सदन ने सर्वोत्तम प्रस्तुति दी।
शैक्षणिक लाभ:
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बच्चों को हिंदी साहित्य और संस्कृति की गहराई समझने का अवसर मिला।
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भाषा की लय, भाव और अर्थ का बोध हुआ।
(ग) गणित क्विज (Maths Quiz – सदनवार)
गणित विषय के शिक्षकों ने सदनवार टीमों में क्विज आयोजित किया। इसमें गणना, पहेलियाँ और तर्कशक्ति से जुड़े प्रश्न पूछे गए।
🏆 परिणाम: नंदा सदन विजेता घोषित हुआ।
शैक्षणिक लाभ:
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तार्किक सोच और गणना की गति में सुधार।
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बच्चों में गणित के प्रति आत्मविश्वास और रुचि का विकास।
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टीम वर्क और सहयोग की भावना मजबूत हुई।
(घ) सामान्य ज्ञान क्विज (G.K. Quiz – सदनवार)
सभी चार सदनों के विद्यार्थियों के बीच ज्ञान प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें देश, पर्यावरण, खेल और विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे गए।
🏆 परिणाम: नंदा सदन ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
शैक्षणिक लाभ:
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विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान और जागरूकता बढ़ी।
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वे राष्ट्रीय घटनाओं और विज्ञान से परिचित हुए।
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प्रतिस्पर्धा की भावना और एकाग्रता में वृद्धि हुई।
5. कक्षा 1 और 2 की रचनात्मक गतिविधि – मिट्टी के खेल
छोटे बच्चों के लिए मिट्टी से विभिन्न आकृतियाँ (वृत्त, घन, त्रिकोण आदि) बनवाने की गतिविधि कराई गई।
शैक्षणिक लाभ:
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बच्चों की कल्पनाशक्ति, रचनात्मकता और मोटर स्किल्स का विकास।
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आकृतियों की व्यावहारिक पहचान और समझ में वृद्धि।
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सीखने को मनोरंजक और अनुभवात्मक बनाया गया।
6. शिक्षकों और विद्यार्थियों की सहभागिता
सभी शिक्षकगणों ने सदनवार समूहों को मार्गदर्शन और प्रोत्साहन दिया। विद्यार्थियों ने भी पूरे उत्साह, अनुशासन और आपसी सहयोग से प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाध्यापक महोदय ने विजेता सदनों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए।
7. निष्कर्ष
प्रतिभा दिवस का यह आयोजन विद्यालय के लिए अत्यंत प्रेरणादायक सिद्ध हुआ।
इस दिन की गतिविधियों से बच्चों में –
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अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास,
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सहयोग और टीम भावना,
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रचनात्मक सोच और शैक्षणिक रुचि
का अद्भुत विकास देखने को मिला।
ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और व्यावहारिक शिक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
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